किसी मॉडल से कम नहीं यह IFS ऑफिसर, महज 23 साल की उम्र में बिना कोचिंग पहले प्रयास में क्रैक किया UPSC
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किसी मॉडल से कम नहीं यह IFS ऑफिसर, महज 23 साल की उम्र में बिना कोचिंग पहले प्रयास में क्रैक किया UPSC

IFS Tamali Shah: तमाली साहा ने मजह 23 साल की उम्र में यूपीएससी भारतीय वन सेवा परीक्षा पास कर डाली थी. उन्होंने यह परीक्षा बिना कोचिंग पहले प्रयास में ही क्रैक कर डाली थी.

किसी मॉडल से कम नहीं यह IFS ऑफिसर, महज 23 साल की उम्र में बिना कोचिंग पहले प्रयास में क्रैक किया UPSC

IFS Tamali Shah UPSC Success Story: भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं की बात करें, तो यूपीएससी परीक्षा सबसे अव्वल नंबर पर है. इस परीक्षा के लिए हर साल करीब लाखों उम्मीदवार आवेदन करते हैं, लेकिन उनमें से केवल कुछ उम्मीदवार ही इस परीक्षा में सफलता हासिल कर देश की सबसे प्रतिष्ठित प्राप्त कर पाते हैं. बता दें कि इस परीक्षा के लिए लाखों उम्मीदवार कई सालों तक कोचिंग लेते हुए लगातार प्रयास करते हैं, लेकिन इसके बावजूद परीक्षा में सफलता हासिल नहीं कर पाते हैं. वहीं, कुछ ऐसे उम्मीदवार भी होते हैं जो बिना कोचिंग पहले प्रयास में ही इस परीक्षा को पास कर ऑफिसर बन जाते हैं. आज हम आपको एक ऐसी ही उम्मीदवार के बारे में बताएंगे, जिन्होंने महज 23 साल की उम्र में यह सफलता हासिल की है.

मजह 23 वर्ष में की तमाली साहा ने अपने पहले ही प्रयास में देश की सबसे कॉम्पिटिटिव यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल कर बड़ी उपलब्धी प्राप्त की है. उनकी उल्लेखनीय सफलता की कहानी देश भर में उम्मीदवारों के लिए प्रेरणा का काम करती है, जो दर्शाती है कि अटूट समर्पण, कड़ी मेहनत और सही रणनीति के साथ कोई भी उपलब्धि हासिल की जा सकती है.

पश्चिम बंगाल के नॉर्थ 24 परगना की मूल निवासी, तमाली साहा ने कोलकाता यूनिवर्सिटी से जूलॉजी में ग्रेजुएशन की डिग्री के लिए कोलकाता जाने से पहले अपने होमटाउन में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की थी.

अपनी ग्रेजुएशन के दौरान ही तमाली ने यूपीएससी परीक्षा देने का मन बनाया. अपने लक्ष्य के प्रति उनकी अथक प्रतिबद्धता का फल उन्हें 2020 में मिला, जब उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी भारतीय वन सेवा परीक्षा (UPSC Indian Forest Service) सफलतापूर्वक उत्तीर्ण कर ली. नतीजतन, उन्हें एक प्रतिष्ठित पद, भारतीय वन सेवा (IFS) अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया, और उनके होम स्टेट पश्चिम बंगाल में तैनात किया गया. तमाली साहा की उपलब्धियों ने न केवल उनके परिवार, दोस्तों और समुदाय को गौरवान्वित किया है, बल्कि अनगिनत उम्मीदवारों को भी प्रेरित किया है जो प्रतिष्ठित उपाधियां प्राप्त करने और सिविल सेवकों के रूप में सेवा करने का सपना देखते हैं.

उनकी यात्रा इस तथ्य का एक प्रमुख उदाहरण है कि किसी की उम्र या सामने आने वाली बाधाएं किसी के करियर को परिभाषित नहीं करती हैं; बल्कि, यह उपलब्धियां और जुनून है जो किसी को अपने सपनों को हकीकत में बदलने के लिए प्रेरित करता है.

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