Deadly Disease: इस जानलेवा बीमारी का संकेत है थकान और कमजोरी के साथ पेट दर्द, तुरंत हो जाएं सतर्क
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Deadly Disease: इस जानलेवा बीमारी का संकेत है थकान और कमजोरी के साथ पेट दर्द, तुरंत हो जाएं सतर्क

Deadly disease: थकान और कमजोरी लगातार लगे और पेट में दर्द-बेचैनी हो तो अलर्ट हो जाएं, यह जानेवाल बीमारी के क्षण हो सकते हैं. हाल के वर्षों में यह बीमारी तेजी से बढ़ रही है.

Deadly Disease: इस जानलेवा बीमारी का संकेत है थकान और कमजोरी के साथ पेट दर्द, तुरंत हो जाएं सतर्क

थकान और कमजोरी लगातार लगे और पेट में दर्द-बेचैनी हो तो अलर्ट हो जाएं, यह हेपेटाइटिस संक्रमण के लक्षण हो सकते हैं. हाल के वर्षों में हेपेटाइटिस के मामले तेजी से बढ़ रहा है. बता दें कि एक बाद हेपेटाइटिस बी हो गया तो इसे ठीक किया जाना संभव नहीं है. बाकी श्रेणी के हेपेटाइटिस संक्रमणों को ठीक किया जा सकता है इसलिए लापरवाही नहीं करनी है.

एक्सपर्ट के अनसुार, हेपेटाइटिस का पता ऐसे ही नहीं लगता है. जब कोई कराता है तब उसे संक्रमण का पता लगता है. आपको बता दें कि हेपेटाइटिस वायरल इन्फेक्शन का एक समूह है, जो हमारे लिवर को प्रभावित करता है. समय रहते इन संक्रमणों का पता लगाने और स्वस्थ रहने के लिए जरूरी है कि इसके लक्षणों की पहचान करें और इसकी जांच करवाएं.

हेपेटाइटिस के प्रकार
हेपेटाइटिस वायरस के कई प्रकार हैं, जैसे हेपेटाइटिस ए, हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी, हेपेटाइटिस डी और हेपेटाइटिस ई. ये सभी प्रकार लिवर को अलग-अलग तरह से प्रभावित कर सकते हैं.

हेपेटाइटिस के लक्षण

  • हेपेटाइटिस ए (HAV): बुखार, पेट में दर्द, थकान और खांसी
  • हेपेटाइटिस बी (HBV): बुखार, शरीर में दर्द, याददाश्त में कमी, उलटी व पेट दर्द और पीलिया (त्वचा और आंखों का पीला होना)
  • हेपेटाइटिस सी (HCV): थकान, खांसी और जोड़ों में लगातार पीड़ा
  • हेपेटाइटिस डी (HDV): बुखार, शरीर में दर्द, उल्टी व पेट दर्द और पीलिया (त्वचा और आंखों का पीला होना)
  • हेपेटाइटिस ई (HEV): पेट का दर्द, उल्टी, अपच और भूख की कमी

हेपेटाइटिस से बचाव

  • हेपेटाइटिस से संक्रमित रोगी को डॉक्टर से नियमित जांच करवानी चाहिए.
  • यह संक्रमण मानसून के दौरान अधिक फैलता है, इसलिए इस मौसम में तेलीय, मसालेदार, विषाक्त पदार्थों और भारी खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें. फास्ट फूड, केक, पेस्ट्री, चॉकलेट्स, आदि से परहेज करना चाहिए.
  • मांसाहारी भोजन व शराब का पूर्ण रूप से त्याग करें. पानी को उबालकर पिएं.
  • विटामिन सी रिच खट्टे फल, पपीता, नारियल पानी, सूखे खजूर, किशमिश, बादाम और इलायची का अच्छे से सेवन करें.
  • संक्रमित व्यक्ति के रेविंग रेजर, टूथब्रश और सुई, नाखून कतरनी जैसी निजी वस्तुओं का उपयोग ना करें, इससे भी संक्रमण के खतरे को कम किया जा सकता है
  • गर्भवती महिला को संक्रमण होने पर इलाज जरूर करवाएं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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