Haryana Politics Crisis: 3 विधायकों ने वापस लिया समर्थन फिर भी इस नियम से 'सेफ' है नायब सैनी की सरकार
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Haryana Politics Crisis: 3 विधायकों ने वापस लिया समर्थन फिर भी इस नियम से 'सेफ' है नायब सैनी की सरकार

Haryana Politics Crisis: हरियाणा विधानसभा में कुल 90 सदस्य होते हैं. यानी पूरे हरियाणा से 90 विधायक चुनकर विधानसभा पहुंचते हैं. इन 90 में से जिस पार्टी के पास 45 या उससे ज्यादा विधायकों का समर्थन हासिल होता है वो सरकार बनाती है. मौजूदा समय में हरियाणा विधानसभा में 88 सदस्य हैं.

Haryana Politics Crisis: 3 विधायकों ने वापस लिया समर्थन फिर भी इस नियम से 'सेफ' है नायब सैनी की सरकार

Haryana Politics: मंगलवार को हरियाणा में एक बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम देखने को मिला. हरियाणा में नायब सिंह सैनी वाली बीजेपी सरकार से तीन निर्दलीय विधायकों ने अपना समर्थन वापस ले लिया. इनमें चरखी दादरी से विधायक सोमबीर सांगवान, नीलोखेड़ी से धर्मपाल गोंदर और पुंडली से रणधीर गोलन का नाम शामिल है. इसके साथ ही इन तीनों विधायकों ने कांग्रेस को अपना समर्थन देने की घोषणा की. इसके तुरंत बाद हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष उदय भान ने कहा कि नायब सिंह सैनी की सरकार अल्पमत में है इस लिहाज से उन्हें तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए. ऐसे में अब सवाल ये है कि क्या सच में नायब सिंह सैनी की सरकार खतरे में है?

पहले समझते हैं सदस्यों का समीकरण
दरअसल, हरियाणा विधानसभा में कुल 90 सदस्य होते हैं. यानी पूरे हरियाणा से 90 विधायक चुनकर विधानसभा पहुंचते हैं. इन 90 में से जिस पार्टी के पास 45 या उससे ज्यादा विधायकों का समर्थन हासिल होता है वो सरकार बनाती है. मौजूदा समय में हरियाणा विधानसभा में 88 सदस्य हैं. बीजेपी के पास 43 विधायकों का समर्थन है. इनमें बीजेपी के 40 विधायक, गोपाल कांडा की पार्टी HLP का 1 विधायक और 2 निर्दलीय विधायक शामिल हैं. यानी बीजेपी अभी भी बहुमत से 2 विधायकों की कमी से दूर है. लेकिन बीजेपी का कहना है कि उसके पास पूर्ण बहुमत है क्योंकि JJP के 4 विधायक उनके साथ हैं. यानी कुल 47 विधायकों का समर्थन उन्हें हासिल है. वहीं, जेजेपी हर बार इस बात को नकारते आई है. साथ ही जिन चार विधायकों के समर्थन की बात बीजेपी ने किया है उन्होंने भी आधिकारिक तौर पर बीजेपी को अपना समर्थन देने का ऐलान नहीं किया है.

क्या कांग्रेस से हैं खतरा
अब सवाल ये उठ रहा है कि क्या सच में जेजेपी की सरकार अल्पमत में आ गई है. तो इसका जवाब है हां, क्योंकि फिलहाल बीजेपी के पास 43 विधायकों का ही समर्थन है. दूसरा सवाल है कि क्या सच में बीजेपी की सरकार को खतरा है. इसका जवाब है नहीं. क्योंकि कांग्रेस के पास फिलहाल 30 विधायकों का समर्थन है. अब 3 निर्दलीयों का समर्थन मिल जाने के बाद कांग्रेस के पास 33 विधायकों का समर्थन हो गया है. दूसरी ओर जेजेपी के जो 10 विधायक हैं उनका समर्थन कांग्रेस को मिलता हुआ दूर-दूर तक नहीं दिख रहा है. इस लिहाज से कांग्रेस से फिलहाल बीजेपी को सदन में कोई खास खतरा नहीं है.

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13 सितंबर तक नहीं है कोई खतरा
आखिरी सवाल ये है कि क्या कांग्रेस, बीजेपी को सदन में बहुमत साबित करने के लिए कह सकती है. इसका जवाब है- नहीं. क्योंकि 13 मार्च 2024 को नई सरकार बनने के बाद नायब सिंह सैनी की सरकार ने अपना बहुमत साबित किया था और नियम के मुताबिक बहुमत साबित होने के अगले 6 महीने तक विश्वास मत का परीक्षण नहीं हो सकता है. यानी 13 सितंबर तक सदन में विश्वास मत का प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता. ऐसे में 13 सितंबर तक नायब सिंह सैनी को सदन में बहुमत साबित करने के लिए कोई नहीं कह सकता है.

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