Rajasthan News: प्रदेश में एक तरफ जब शादी-ब्याह का सीजन चल रहा है और बीयर समेत कई मदिरा ब्रांड की मांग जोरों पर है, तब आबकारी विभाग का तंत्र फेल हो गया है. आरएसबीसीएल द्वारा जिलों में जरूरत के मुताबिक मदिरा की सप्लाई नहीं की जा रही है. इससे आबकारी विभाग के अधिकारी भी परेशान हैं.
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Jaipur News: राजस्थान में इन दिनों मदिरा की किल्लत चल रही है. राज्य सरकार ने आबकारी विभाग को 17100 करोड़ रुपए का राजस्व लक्ष्य दिया है, लेकिन लक्ष्य पूर्ति के लिए आबकारी विभाग की जिम्मेदारी अब आरएसबीसीएल के भरोसे रह गई है. आरएसबीसीएल यानी राजस्थान स्टेट बेवरीज कारपोरेशन लिमिटेड की ओर से प्रदेशभर में मदिरा दुकानों पर मदिरा की सप्लाई की जाती है. मदिरा सप्लाई पर आबकारी विभाग का सीधा हस्तक्षेप नहीं है. ऐसे में 2 विभागों के बीच कॉर्डिनेशन की कमी से मदिरा की प्रॉपर आपूर्ति नहीं हो पा रही है.
मदिरा आपूर्ति नहीं होने से नहीं होगी गारंटी पूर्ति
दरअसल, इस वित्त वर्ष से आबकारी नीति में विभाग ने गारंटी पूर्ति का समय मासिक आधार पर तय कर दिया है. यानी हर माह की गारंटी पूर्ति उसी महीने में करनी होगी। इसे देखते हुए जिलों के आबकारी अधिकारी मदिरा की कम आपूर्ति को लेकर चिंतित हैं. मदिरा आपूर्ति नहीं होने से गारंटी पूर्ति नहीं हो पाएगी. ऐसे में आबकारी विभाग को राजस्व लक्ष्य में नुकसान झेलना पड़ेगा. अप्रैल माह की शुरुआत से ही कई जिलों में बीयर की आपूर्ति की भारी किल्लत है. एक खास ब्रांड की बीयर तो 10 से अधिक डिपो पर सप्लाई नहीं की जा रही है.
चुनिंदा चहेते लाइसेंसियों को ही मिल रहा सप्लाई
बीयर सहित मदिरा की अधिक बिकने वाली ब्रांड की कमी के चलते आबकारी विभाग के अधिकारियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. दरअसल, मदिरा लाइसेंसियों की मांग पर जब मदिरा नहीं मिलती तो वे आबकारी अधिकारियों को शिकायत करते हैं. 2 दिन पूर्व भरतपुर जिले के डिपो पर जब कुछ मदिरा लाइसेंसियों को आपूर्ति नहीं मिली, तो डिपो पर ही उनमें झगड़ा हो गया. लाइसेंसियों का आरोप था कि डिपो मैनेजर केवल चुनिंदा चहेते लाइसेंसियों को ही बीयर दे रहे हैं.
रिपोर्टर- काशीराम चौधरी
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