Ghaziabad News: एसिड अटैक पीड़ितों को अब चेहरे को लेकर नहीं होना पड़ेगा शर्मसार, सुप्रीम कोर्ट में गुहार
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Ghaziabad News: एसिड अटैक पीड़ितों को अब चेहरे को लेकर नहीं होना पड़ेगा शर्मसार, सुप्रीम कोर्ट में गुहार

Ghaziabad News: गाजियाबाद की रहने वाली एसिड अटैक सरवाइवर रेशमा खातून ने सुप्रीम कोर्ट में एसिड अटैक सरवाइवर के लिए केवाईसी नॉर्म्स को लेकर सरकार को नए दिशा निर्देश जारी करने की अपील है की. पढ़िए पूरी खबर...

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Ghaziabad News: देश में सभी एसिड अटैक सरवाइवर्स को अब चेहरे को लेकर शर्मसार नहीं होना पड़ेगा. रेश्मा खातून ने एसिड अटैक सर्वाइवर्स के लिए केवाईसी के लिए चेहरे और फोटो के प्रयोग को लेकर सरकार को नए दिशा निर्देश जारी करने की याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की है. याचिका में सरकार से एसिड अटैक सर्वाइवरों के लिए डिजिटल केवाईसी या अन्य संभावित विकल्पों को उपलब्ध कराने का आग्रह किया गया है. ताकि अब सभी पीडितों को और शर्मसार ना होना पडे.

रोजमर्रा जिंदगी में होती है परेशानी
याचिका दायर करते हुए एसिड अटैक की सरवाइवर रेशमा खातून ने बताया कि रोजमर्रा की जिंदगी में उन्हें सिम कार्ड लेने से लेकर बैंक अकाउंट खुलवाने बैंकिंग कार्यों को करने और आधार कार्ड बनवाने में तमाम तरह की की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. ऐसे में उन्हें पति भाई या किसी परिजन के नाम पर सिम लेने या अकाउंट खुलवाने के लिए कहा जाता है. आधार बनवाने में भी एसिड अटैक सरवाइवर को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और जब उनका आधार ही नहीं बन पाएगा तो ऐसे में उनकी पहचान कैसे सिद्ध हो पाएगी. कहीं भी किसी के साथ रेंट एग्रीमेंट साइन करने या जहां आधार का इस्तेमाल होता है. तो वह सभी कार्य नहीं हो पाएंगे. ऐसे में माननीय सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि वह केंद्र सरकार को एसिड अटैक सरवाइवर के लिए डिजिटल केवाईसी या फिर कोई अन्य वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध कराने के निर्देश जारी करें.

2014 में हुआ था एसिड अटैक
रेशमा खातून ने बताया कि 2014 में उन पर अपनी सहकर्मी के कजन भाई के द्वारा विवाह का प्रस्ताव दिया गया था. उनके इनकार करने पर उसने एसिड से उन पर हमला कर दिया. हमलावर पहले से शादीशुदा था. इसी के कारण परिजन और उनके द्वारा प्रस्ताव को ठुकरा दिया गया था. रेशमा खातून आसानी से उपलब्ध होने वाले एसिड के बारे में भी सरकार से अपील करती हुई नजर आई. रेशमा खातून अब अपने पति और बच्चों के साथ गाजियाबाद में रह रही हैं. आज कल वह एक मोटिवेशनल स्पीकर का काम भी कर रही हैं. उनके पति कोविड के पहले जोब छूटने के कारण अब एक निजी टैक्सी कंपनी में काम कर रहे हैं.

हुए 33 ऑपरेशन
आपको बता दें कि रेशमा को सामान्य जिंदगी में वापस लौटने से पहले 33 ऑपरेशन से गुजरना पड़ा था. यहां तक की 2 साल तक उनको दिखाई भी नहीं दे रहा था. इसके बाद दक्षिण भारत के राज्य में उनका ट्रीटमेंट किया गया. जिससे उनको थोड़ा-थोड़ा दिखाई देने लगा. अभी भी वह सामान्य रूप से नहीं देख पाती हैं. बावजूद इसके उन्होंने अपने हौसलों को थमने नहीं दिया. यूट्यूब पर चैनल चलाते हुए जहां उन्होंने लाखों सब्सक्राइबर बनाए हां. तो वहीं तमाम संस्थाओं द्वारा पुरस्कार भी हासिल किए हैं.

परिवार के साथ हैं खुश
वहीं उनको एसिड अटैक के बाद अपनाने वाले उनके पति अशोक ने बताया कि वह अपने परिवार के साथ खुश हैं. हालांकि, शुरू में कुछ लोगों ने उनसे शादी करने के लिए मना किया था. पर दोनों परिवार जनों की सहमति होने के कारण वह सामान्य जीवन में आगे बढ़ीं और खुशहाल जिंदगी जी रही हैं. रेशमा खातून जीवन में उन्हें भी बेहद मोटिवेट करती हैं. पिछले कुछ समय से उनके पास नौकरी न होने के बावजूद वह अब निजी कंपनी में बाइक टैक्सी के चालक के रूप में काम कर रहे हैं. इसके बाद भी रेशमा खातून ने उनके हौसले को कभी कम नहीं होने दिया है. उन्हें बेहद सपोर्ट किया है. वहीं रेशमा खातून भी अपने पति की तरफ से मिलने वाले सपोर्ट के लिए बेहद खुश नजर आईं.

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