Ang pharakna: ज्योतिष की दृष्टि से अंगों के फड़कने का कोई न कोई संकेत होता है, शरीर का प्रत्येक अंग फड़क कर अच्छी या बुरी घटनाओं का संकेत करता है इसलिए इसे हल्के में लेने की भूल नहीं करनी चाहिए. इन संकेतों को समझकर आप सावधान हो सकते हैं.
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Ang ka fadakna shubh ya ashubh: ऐसा व्यक्ति मिलने मुश्किल है जिसके शरीर का कोई न कोई अंग कभी भी न फड़का हो. ज्योतिष की दृष्टि से अंगों के फड़कने का कोई न कोई संकेत होता है, शरीर का प्रत्येक अंग फड़क कर अच्छी या बुरी घटनाओं का संकेत करता है इसलिए इसे हल्के में लेने की भूल नहीं करनी चाहिए. इन संकेतों से आप आगे की योजना बना सकते हैं या फिर इसको लेकर अलर्ट हो सकते हैं.
मस्तक फड़कने का अर्थ
यदि आपका पूरा मस्तक फड़कने लगे तो समझना चाहिए कि किसी दूर स्थान की यात्रा पर जाना है, तो सोच समझ कर चलें क्योंकि अब इस यात्रा के रास्ते में परेशानियां भी आएंगी. सिर का मध्य भाग फड़के तो धन की प्राप्ति होती है तथा परेशानियों से मुक्ति मिलती है. यदि ललाट मध्य से फड़कने लगे तो लाभदायक यात्राएं होती हैं. यदि पूरा ललाट फड़के तो राज्य से सम्मान तथा नौकरी में प्रमोशन मिलता है. यदि दोनों भौहों के बीच का स्थान फड़के तो प्रेम मिलता है, या फिर नया रिश्ता जुड़ता है. दोनों भौहों फड़कें तो व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं, लेकिन यह घटना प्रायः कम होती है.
दाहिनी आंख फड़कने का अर्थ
दाहिनी आंख का मध्य भाग फड़के तो व्यक्ति अपने लक्ष्य को प्राप्त कर धन अर्जित कर लेता है. दाहिनी आंख चारों तरफ से फड़के तो व्यक्ति के रोगी होने की संभावना रहती है. बाईं आंख का फड़कना स्त्री से दुख का वियोग का लक्षण है. बाई आंख चारों ओर से फड़कने लगे तो विवाह के योग बनते हैं. किसी व्यक्ति की नाक फड़फड़ती हो तो उसके व्यवसाय में बढ़ोतरी होती है. नाक की नोक फड़फड़ती हो तो किसी आने वाले संकट की सूचना देता है अथवा व्यक्ति शीघ्र ही रोगी होकर सैय्या पकड़ लेता है. किसी व्यक्ति के नाक के नथुने के अंदर फड़फड़ाहट महसूस हो तो उसे सुख मिलता है. यदि नाक की जड़ फड़के तो लड़ाई झगड़ा होने की संभावना रहती है. यदि दाहिने कान का छेद फड़फड़ाता है तो मित्र से मुलाकात होती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)