Parasite In Eye: दो साल तक आंखों से खून चूसता रहा पैरासाइट, कहां से आया? जानकर डॉक्टरों के भी उड़ गए होश
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Parasite In Eye: दो साल तक आंखों से खून चूसता रहा पैरासाइट, कहां से आया? जानकर डॉक्टरों के भी उड़ गए होश

Parasite Infection In Eye: एक परजीवी ने दो साल से एक महिला की बाईं आंख में ठिकाना बना रखा था. डॉक्टरों ने कहा कि शायद मगरमच्छ का मीट खाने की वजह से महिला को पैरासाइट इंफेक्शन हुआ था.

Parasite In Eye: दो साल तक आंखों से खून चूसता रहा पैरासाइट, कहां से आया? जानकर डॉक्टरों के भी उड़ गए होश

Parasite In Eye: अफ्रीका के कांगो में एक महिला पिछले दो साल से परेशान थी. जब भी आईना देखती, एक आंख के कोने में गांठ नजर आती. कोई दर्द नहीं था, न ही कोई और परेशानी थी. बस गांठ मौजूद थी. महिला ने आखिरकार डॉक्टरों को दिखाया. उन्होंने जांच की तो पाया कि सर्जरी से गांठ निकाली जा सकती है. आंख का ऑपरेशन कर दिया गया. जब गांठ बाहर निकाली तो अंदर C आकार का एक लार्वा मिला. डॉक्टरों ने सैंपल एनालिसिस के लिए भेजा. पता चला कि यह लार्वा असल में एक पैरासाइट (परजीवी) है. Armillifer grandis प्रजाति का यह परजीवी सांप, मगरमच्छ जैसे सरीसृपों से इंसान में फैलता है. महिला अक्सर मगरमच्छ का मांस खाती थी. डॉक्टरों ने कहा कि शायद उसी से महिला को इन्फेक्शन हुआ हो. JAMA Ophthalmology नाम के मेडिकल जर्नल में केस स्टडी छपी है. लाइव साइंस की रिपोर्ट के मुताबिक, मगरमच्छ के मीट से पैरासाइट इन्फेक्शन का यह शायद पहला मामला है. 

डॉक्टर्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि 28 वर्षीय महिला को ocular pentastomiasis नाम का इन्फेक्शन हुआ था. यह आंख का दुर्लभ इन्फेक्शन है जो 'पेंटास्टोमिड्स' कहे जाने वाले परजीवियों से होता है. इस महिला के मामले में, परजीवी ने बाईं आंख के कंजक्टिवा के नीचे ठिकाना बना लिया था. महिला का खून चूसते-चूसते वह करीब 10 मिलीमीटर बड़ा हो गया था.

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सांप के भीतर रहते हैं ये परजीवी

सैंपल एनालिसिस में वैज्ञानिकों ने पाया कि यह पैरासाइट Armillifer grandis प्रजाति का है. यह प्रजाति और Armillifer जीनस के अन्य पैरासाइट्स कभी-कभी अफ्रीका में इंसानों में संक्रमण की वजह बनते हैं. Armillifer पैरासाइट्स जब मरने वाले होते हैं तो सांपों को होस्ट बना लेते हैं. ये वाइपर और पाइथन जैसे सांपों के रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट में अंडे देते हैं. अंडे बाद में फेफड़ों से निकल आते हैं और सांप के मुंह या पाचन तंत्र के जरिए बाहर आ जाते हैं. फिर यह चूहों या वैसे ही सांप के अन्य आहारों को होस्ट बना लेते हैं. सांप अपना शिकार खाता है और ये फिर उसके श्वसन तंत्र में पहुंच जाते हैं. इस तरह पैरासाइट का लाइफ साइकल पूरा हो जाता है.

मगरमच्छ के मीट की शौकीन है महिला

स्टडी के अनुसार, इंसानों के भीतर यह पैरासाइट संक्रमित खाने या पानी से पहुंच सकता है. सांपों से नजदीकी भी पैरासाइट इंफेक्शन दे सकती है. कभी-कभी सांप का कच्चा मीट खाने से भी संक्रमण होता है. कांगो वाले केस में महिला ने कहा कि उसने कभी सांप नहीं खाया, न ही उनके करीब रही. डॉक्टरों ने स्टडी में लिखा कि महिला मगरमच्छ का मांस जरूर खाती थी. स्टडी के मुताबिक, मगरमच्छ का मीट खाने वालों में Armillifer आई इन्फेक्शन पहले कभी नहीं देखा गया है.

इंसानी शरीर के भीतर क्या करते हैं परजीवी

इंसान के भीतर पहुंचने पर परजीवी आंतरिक अंगों पर हमला करते हैं. उनके आसपास के ऊतकों को भी शिकार बनाते हैं. पैरासाइट इंफेक्शन के लक्षण आमतौर पर नहीं दिखते, इसलिए ये लंबे समय तक छिपे रह पाते हैं. किसी और चीज की वजह से टेस्टिंग के दौरान पकड़ में आते हैं. पैरासाइट इंफेक्शन से अंग में छेद, एक्सट्रीम इम्यून रिएक्‍शन और मौत तक हो सकती है.

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