China : चीनी अंतरिक्ष एजेंसी के मुताबिक यह मिशन 53 दिनों तक चलने की उम्मीद है, जिसमें चांग'ई-6 रोबोट चंद्रमा के अंधेरे इलाके में पहुंचकर वहां से दो किलोग्राम नमूना एकत्र करेगा.
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Chang'e-6 : चीन ने चंद्रमा के अंधेरे वाले हिस्से पर अपना नया स्पेसक्राफ्ट भेजा है. यानी चंद्रमा का वो हिस्सा जो हम धरती से नहीं देख पाते. जहां कभी सूरज की रोशनी नहीं पहुंचती. इसे चंद्रमा का फार साइड या डार्क साइड भी कहते हैं. चीन के नए मून मिशन का नाम Chang'e 6 है. यह चंद्रमा के अंधेरे हिस्से की तरफ जाने वाला चीन का दूसरा मिशन है. अगर इसे सफलता मिलती है, तो यह चंद्रमा के पिछले हिस्से से सैंपल लेकर आने वाला दुनिया का पहला मिशन होगा.
इस मिशन को 3 मई 2024 को वेनचांग स्पेस लॉन्च सेंटर से लॉन्च किया गया था. लॉन्चिंग के 30 मिनट के बाद चांगई 6 मून मिशन स्पेसक्राफ्टर इसके CZ5 रॉकेट से अलग हो गया था. यह लॉन्ग मार्च रॉकेट परिवार का ही हिस्सा है.
चीन के अंतरिक्ष कार्यक्रम पर करीब से नजर रखने वाले पत्रकार एंड्रयू जोन्स ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, कि हां, ठीक है, यह चांग'ई-6 लैंडर के किनारे पर पहले से अज्ञात मिनी रोवर जैसा दिखता है.
Yeah, okay. That looks like a previously undisclosed mini rover on the side of the Chang'e-6 lander lol. Via CAST: https://t.co/gS0Jy5L9hw pic.twitter.com/9vvTnribpl
— Andrew Jones (@AJ_FI) May 3, 2024
क्या है Chang’e-6 मून मिशन ?
चांगई 6 मिशन कुल मिलाकर 53 दिनों का है. चांद के ऑर्बिट में पहुंचने के बाद इसका ऑर्बिटर चंद्रमा के चारों तरफ चक्कर लगाएगा. इसके बाद इसका लैंडर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर मौजूद एटकेन बेसिन में उतरेगा. यह बेसिन 2500 किलोमीटर व्यास का है. यह बेसिन एक बड़े पत्थर के टकराने की वजह से बना था.
यह बेसिन हमारे सौर मंडल में सबसे ज्यादा बड़ा गड्ढा है. चांगई 6 स्पेसक्राफ्ट इस जगह से मिट्टी, पत्थर के सैंपल लेगा. ताकि वैज्ञानिक इसकी जांच करके चंद्रमा के इतिहास का पता कर सकें. यह स्पेसक्राफ्ट चंद्रमा की सतह पर ड्रिलिंग करेगा. मिट्टी और पत्थरों के सैंपल लेकर उन्हें एक एसेंट व्हीकल में रखकर अंतरिक्ष में लॉन्च करेगा.
इसके बाद यह एसेंट व्हीकल ऑर्बिटल सर्विस मॉड्यूल तक पहुंचेगा. फिर यह मॉड्यूल वापस धरती तक आएगी. चीन दुनिया का इकलौता ऐसा देश है जिसने चांद के दक्षिणी ध्रुव के अंधेरे वाले हिस्से में सॉफ्ट लैंडिंग की है. 2019 में उसके चांगई-4 मिशन ने चंद्रमा के वॉन कारमान क्रेटर पर सॉफ्ट लैंडिंग की थी.