Sadhvi Rithambara: कौन हैं साध्वी ऋतंभरा, जो उमा भारती के गले लगकर रोने लगीं

Who is Sadhvi Rithambara: साध्वी ऋतंभरा का जन्म लुधियाना के पंजाब में हुआ. साध्वी को उन्हें उनके ओजस्वी भाषणों के लिए जाना जाता है. राम जन्मभूमि आंदोलन में उनकी बड़ी भूमिका रही है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 22, 2024, 05:13 PM IST
  • पंजाब के लुधियाना में जन्मीं साध्वी
  • ओजस्वी वक्ता हैं साध्वी ऋतंभरा
Sadhvi Rithambara: कौन हैं साध्वी ऋतंभरा, जो उमा भारती के गले लगकर रोने लगीं

नई दिल्ली: Who is Sadhvi Rithambara: अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के समारोह में भाजपा की वरिष्ठ नेता उमा भारती और साध्वी ऋतंभरा एक-दूसरे से गले लगते समय भावुक हो गईं. यह फोटो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है. उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती को तो सब पहचानते हैं. राम जन्मभूमि आंदोलन में उनकी बड़ी भूमिका रही है. लेकिन साध्वी ऋतंभरा से सब परिचित नहीं हैं. आइए, जानते हैं कि साध्वी ऋतंभरा कौन हैं और राम जन्मभूमि आंदोलन में उनकी क्या भूमिका रही.  

कौन हैं साध्वी ऋतंभरा 
साध्वी ऋतंभरा का जन्म लुधियाना के पंजाब में हुआ. पहले उनका नाम निशा था, लेकिन 16 साल की उम्र में उन्होंने सन्यास ले लिया. फिर वो साध्वी बन गईं. VHP के जन जागरण अभियान का हिस्सा रहीं. यहीं से राम मंदिर आंदोलन की शुरुआत मानी जाती है. 1980 के दशक के बाद से साध्वी ऋतंभरा राम मंदिर से जुड़े हर आंदोलन में सक्रिय रहने लगीं. साध्वी ऋतंभरा का नाम 1992 में बाबरी विध्वंस के आरोपियों में भी शामिल था. लिब्राहन आयोग के 68 आरोपियों की लिस्ट में साध्वी ऋतंभरा का भी नाम था. 

जब जेल गईं साध्वी
साध्वी ऋतंभरा सबसे अधिक चर्चा में तब आईं, जब 1995 में मध्य प्रदेश में उन्हें भड़काऊ भाषण के आरोप में उन्हें ईसाइयों के इंदौर में गिरफ्तार किया गया था. इस दौरानर राज्य में कांग्रेस की सरलार हुआ करती थी और दिग्विजय सिंह सीएम हुआ करते थे. 11 दिनों तक जेल में रखने के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया.

विरोधी भी साध्वी के भाषण के कायल थे
साल 1995 में बिहार में लालू यादव का सिक्का चला करता था. तब बिहार के विधानसभा चुनाव होने थे. उस दौरान साध्वी ऋतंभरा भाजपा प्रत्याशी सुशील कुमार मोदी के पक्ष में जनसभा करने पटना सेंट्रल गईं. यहां पर लालू समर्थकों ने हंगामा शुरू कर दिया. लेकिन जैसे ही साध्वी ने अपने अंदाज में बोलना शुरू किया, सब चुप हो गए. भाषण के अंत में साध्वी ने कहा कि तुम्हारे राव (नरसिंह राव) के हाथ हैं या राम के हाथ हैं? यदि आपके हाथ राम के हैं, तो दोनों हाथ श्रीराम के लिए उठने चाहिए. इसके बाद वहां मौजूद विरोधियों ने भी जय श्री राम के नारे लगाना शुरू कर दिया. सुशील मोदी वो चुनाव बड़े अंतर से जीते.

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